सरकार से जुड़ी खबरें, नई दिल्ली, 26 जून 2025: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज भारत-चीन सीमा पर हाल के तनावों को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए रणनीतियों पर चर्चा की गई। यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब हाल के महीनों में सीमा पर तनातनी की खबरें सामने आई हैं। राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि भारत शांति और कूटनीतिक समाधान के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
तालिका: रक्षा तैयारियों का अवलोकनविवरण | जानकारी |
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बैठक की तारीख | 26 जून 2025 |
स्थान | नई दिल्ली |
मुख्य एजेंडा | भारत-चीन सीमा तनाव, सैन्य तैयारियां |
प्रमुख बयान | शांति और कूटनीति पर जोर, संप्रभुता की रक्षा |
सैन्य आधुनिकीकरण | स्वदेशी हथियार, ड्रोन, मेक इन इंडिया |
अंतरराष्ट्रीय अपील | शांति के लिए सहयोग |
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भारत-चीन संबंधों पर राजनाथ सिंह का बयान
रक्षा मंत्री ने बैठक के बाद एक बयान में कहा, "भारत अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है। हमारी सेनाएं हर स्थिति से निपटने में सक्षम हैं। फिर भी, हम कूटनीति और बातचीत के माध्यम से शांति स्थापित करने के लिए तत्पर हैं।" सिंह ने दोनों देशों से सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर संवाद बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने अपनी सैन्य तैयारियों को और मजबूत किया है, जिसमें आधुनिक हथियारों और तकनीक का समावेश शामिल है।
हाल के घटनाक्रम
हाल के समाचारों के अनुसार, भारत और चीन ने LAC पर सैन्य टुकड़ियों को कम करने के लिए कई दौर की बातचीत की है। गलवान घाटी में 2020 की हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा था, लेकिन हाल के महीनों में तनाव कम करने के प्रयास तेज हुए हैं। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सीमा पर तैनात सैनिकों की स्थिति और उनकी तैयारियों की समीक्षा की।
सैन्य आधुनिकीकरण पर जोर
राजनाथ सिंह ने भारत के सैन्य आधुनिकीकरण पर भी जोर दिया। उन्होंने हाल ही में स्वदेशी रक्षा उपकरणों के विकास को बढ़ावा देने की बात कही, जिसमें 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत निर्मित हथियार और ड्रोन शामिल हैं। सिंह ने कहा, "हमारी सेना को विश्वस्तरीय तकनीक से लैस करना हमारी प्राथमिकता है। स्वदेशी रक्षा उद्योग इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।"
भविष्य की रणनीति
रक्षा मंत्री ने भारत-चीन सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए एक रोडमैप की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने क्षेत्रीय नेताओं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी शांति के लिए सहयोग करने की अपील की। विशेषज्ञों का मानना है कि राजनाथ सिंह की यह पहल भारत के मजबूत कूटनीतिक और सैन्य रुख को दर्शाती है।
निष्कर्ष
राजनाथ सिंह की यह बैठक और उनका बयान भारत की शांतिपूर्ण लेकिन दृढ़ नीति को दर्शाता है। देश की रक्षा तैयारियों और कूटनीतिक प्रयासों के बीच संतुलन बनाए रखने की उनकी रणनीति ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति को और मजबूत किया है।